●!!हरे कृष्ण हरे कृष्ण !!●!!●1st Spiritual World(SOUL) ●●Srimad Bhagavad Gita ● Whatever happened, it happened for good. ●Whatever is happening, is happening for good.●Whatever that will happen, it will be for good. ●What have you lost for which you cry?●What did you bring with you, which you have lost? ●What did you produce, which has destroyed?●You did not bring anything when you were born. ●Whatever you have, you have received from Him. ●Whatever you will give, you will give to Him.● You came empty handed and ●You will go the same way. ●Whatever is yours today was somebody else’s yesterday and will be somebody else’s tomorrow.●Change is the law of the universe.●●Srimad Bhagavad Gita !!● राम राम हरे हरे!!●!!हरे कृष्ण हरे कृष्ण !!●2nd Material world[ BODY] or Practical Wold● .Ram Naam Satya Hai, Raam Ka Naam Satya Hai, Prabhu Ka Naam Satya Hai "!●●“No one wants to die. Even people who want to go to heaven don't want to die to get there. And yet death is the destination we all share. No one has ever escaped it. And that is as it should be, because Death is very likely the single best invention of Life. It is Life's change agent. It clears out the old to make way for the new. Right now the new is you, but someday not too long from now, you will gradually become the old and be cleared away. Sorry to be so dramatic, but it is quite true!!● राम राम हरे हरे!!.●●!!हरे कृष्ण हरे कृष्ण !!●“Your time is limited, so don't waste it living someone else's life. Don't be trapped by dogma - which is living with the results of other people's thinking. Don't let the noise of others' opinions drown out your own inner voice. And most important, have the courage to follow your heart and intuition. They somehow already know what you truly want to become. Everything else is secondary.!!● राम राम हरे हरे!!.●●!!● " ●!!हरे कृष्ण हरे कृष्ण !!●!!●1st Spiritual World(SOUL) ●●Srimad Bhagavad Gita ●● खाली हाथ अाए अौर खाली हाथ चले। जो अाज तुम्हारा है, कल अौर किसी का था, परसों किसी अौर का होगा। इसीलिए, जो कुछ भी तू करता है, उसे भगवान के अर्पण करता चल। You came empty handed, you will leave empty handed. What is yours today, belonged to someone else yesterday, and will belong to someone else the day after tomorrow. So, whatever you do, do it as a dedication to God!•क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सक्ता है? अात्मा ना पैदा होती है, न मरती है। •जो हुअा, वह अच्छा हुअा, जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है, जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा। तुम भूत का पश्चाताप न करो। भविष्य की चिन्ता न करो। वर्तमान चल रहा है। •तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो? तुम क्या लाए थे, जो तुमने खो दिया? तुमने क्या पैदा किया था, जो नाश हो गया? न तुम कुछ लेकर अाए, जो लिया यहीं से लिया। जो दिया, यहीं पर दिया। जो लिया, इसी (भगवान) से लिया। जो दिया, इसी को दिया। •खाली हाथ अाए अौर खाली हाथ चले। जो अाज तुम्हारा है, कल अौर किसी का था, परसों किसी अौर का होगा। तुम इसे अपना समझ कर मग्न हो रहे हो। बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दु:खों का कारण है। •परिवर्तन संसार का नियम है। जिसे तुम मृत्यु समझते हो, वही तो जीवन है। एक क्षण में तुम करोड़ों के स्वामी बन जाते हो, दूसरे ही क्षण में तुम दरिद्र हो जाते हो। मेरा-तेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है, तुम सबके हो। •न यह शरीर तुम्हारा है, न तुम शरीर के हो। यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, अाकाश से बना है अौर इसी में मिल जायेगा। परन्तु अात्मा स्थिर है - फिर तुम क्या हो? •तुम अपने अापको भगवान के अर्पित करो। यही सबसे उत्तम सहारा है। जो इसके सहारे को जानता है वह भय, चिन्ता, शोक से सर्वदा मुक्त है। •जो कुछ भी तू करता है, उसे भगवान के अर्पण करता चल। ऐसा करने से सदा जीवन-मुक्त का अानंन्द अनुभव करेगा। .!!● राम राम हरे हरे!!.●!!हरे कृष्ण हरे कृष्ण !!●Ram Naam Satya Hai, Raam Ka Naam Satya Hai, Prabhu Ka Naam Satya Hai "!●!! राम राम हरे हरे !!●●Srimad Bhagavad Gita ●●!!●

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Thursday

!हरे कृष्ण हरे कृष्ण ●●Our Earthly Mission● Sometimes the battle can seem HOPELESS.●" SHOW MUST GO ON " ● Lion-Hearted men/women can never die for they live in our hearts&Continue to inspire us for Great work. We know Our Battle is very Hard, Strugging,Incredibly Difficult we Don't try to become Escaped .. Every Moment's we need a Sustained Effort's ... Keeping Our Spirit Alive . .Stay Inspired... we will be very sure about our Enterprising&Mediumistic Attitude...Never Forget we are the creation of a perfect God .we need to Keep up the tempo high &We will achive Every thing possible as you have in ur mind...but some Hard Time Difficult to Accepting who we ARE.? Coz we don't Understand Everything ....God's purpose for Creation...Stay devoted to God ...Staying Connected with God ... ...●●!! राम राम हरे हरे !!●
!!●हरे कृष्ण हरे कृष्ण !!●!!●Spirituality(आध्यात्मिकता)●● know the importance of morning prayers● It is believed that if we wake up early and offer prayers to God, we stay happy throughout the day. On contrary to that, waking up late makes us feel lazy all the time. Waking up early and offering prayers to God in the morning has a lot of importance in Our culture. The time which is considered bes...t for waking up in the morning is the 'Brahma Mahurat', I.e. The time between 4 to 6 am in the morning. Waking up at this time is highly beneficial for health as well as for our spiritual well being. Brahma Mahurat' is the time before sunrise, it also the last phase of night, atmosphere is also cool at this time. When we wake up at this time, we feel fresh throughout the day and our concentration power will improve. Praying in the afternoon is not considered good because, it is believed that God rests at this time. Therefore, temple gates are also closed during this time. Devotees are not even able to concentrate completely during afternoon............●..●!! राम राम हरे हरे !!●
!! हरे कृष्ण हरे कृष्ण !!.●The Calm Before the Storm......Give Birth to Yourself ●.Our heart &mind are aNathural temple.●.Keep your spirit alive while surrendering to your soul's journey! ● Self-Realization (Atma Jnana - deep knowledge of the self or soul When your naturally connection with God's LOVE can become very Powerful .you realize how Powerful.fearless, and Strong Do Great work by loving what you do ..Never Forget we are the creation of a perfect God ...Stay devoted to God ..●●!! राम राम हरे हरे !!●

●!!हरे कृष्ण हरे कृष्ण !!●●Srimad Bhagavad Gita with Practical Applications ●!!● राम राम हरे हरे!!●


शिव के 11 रुद्रों की अद्भुत शक्ति?
वेदों का ज्ञान कुदरत के कण-कण में शिव के अनेक रूपों का दर्शन कराता है। इन रूपों में ही एक हैं - रुद्र। रुद्र का शाब्दिक अर्थ होता है - रुत यानी दु:खों को अंत करने वाला। यही कारण है कि शिव को दु:खों का नाश करने वाले देवता के रुप में पूजा जाता है। शास्त्रों के मुताबिक शिव ग्यारह अलग-अलग रुद्र रूपों में दु:खों का नाश करते हैं। यह ग्यारह रूप एकादश रुद्र के नाम से जाने जाते हैं।

व्यावहारिक जीवन में भी कोई दु:खों को तभी भोगता है, जब तन, मन या कर्म किसी न किसी रूप में अपवित्र होते हैं। इसी कारण धर्म और आध्यात्म के धरातल पर दस इन्द्रियों और मन को मिलाकर ग्यारह यानी एकादश रुद्र माने गए है। जिनमें शुभ भाव और ऊर्जा का होना ही शिवत्व को पाने के समान है। शिव के रुद्र रूप की आराधना का महत्व यही है कि इससे व्यक्ति का चित्त पवित्र रहता है और वह ऐसे कर्म और विचारों से दूर होता है, जो मन में बुरे भाव पैदा करे। जानते हैं ऐसे ही ग्यारह रूद्र रूपों को–

शम्भू - शास्त्रों के मुताबिक यह रुद्र रूप साक्षात ब्रह्म है। इस रूप में ही वह जगत की रचना, पालन और संहार करते हैं।

पिनाकी - ज्ञान शक्ति रूपी चारों वेदों के स्वरूप माने जाने वाले पिनाकी रुद्र दु:खों का अंत करते हैं।

गिरीश - कैलाशवासी होने से रुद्र का तीसरा रुप गिरीश कहलाता है। इस रुप में रुद्र सुख और आनंद देने वाले माने गए हैं।

स्थाणु - समाधि, तप और आत्मलीन होने से रुद्र का चौथा अवतार स्थाणु कहलाता है। इस रुप में पार्वती रूप शक्ति बाएं भाग में विराजित होती है।

भर्ग - भगवान रुद्र का यह रुप बहुत तेजोमयी है। इस रुप में रुद्र हर भय और पीड़ा का नाश करने वाले होते हैं।

भव - रुद्र का भव रुप ज्ञान बल, योग बल और भगवत प्रेम के रुप में सुख देने वाला माना जाता है।

सदाशिव - रुद्र का यह स्वरुप निराकार ब्रह्म का साकार रूप माना जाता है। जो सभी वैभव, सुख और आनंद देने वाला माना जाता है।

शिव - यह रुद्र रूप अंतहीन सुख देने वाला यानी कल्याण करने वाला माना जाता है। मोक्ष प्राप्ति के लिए शिव आराधना महत्वपूर्ण मानी जाती है।

हर - इस रुप में नाग धारण करने वाले रुद्र शारीरिक, मानसिक और सांसारिक दु:खों को हर लेते हैं। नाग रूपी काल पर इन का नियंत्रण होता है।

शर्व - काल को भी काबू में रखने वाला यह रुद्र रूप शर्व कहलाता है।

कपाली - कपाल रखने के कारण रुद्र का यह रूप कपाली कहलाता है। इस रुप में ही दक्ष का दंभ नष्ट किया। किंतु प्राणीमात्र के लिए रुद्र का यही रूप समस्त सुख देने वाला माना जाता है।


 
cremation ground

●!!हरे कृष्णहरे कृष्ण!!●●Srimad Bhagavad Gita ● ● राम राम हरे हरे!!●

●!!हरे कृष्ण हरे कृष्ण !!● Day of Lord Vishnu ●●!!Om Namo Bhagwate Vasudevaya●●!●!! राम राम हरे हरे !!●